आर्मी चीफ जनरल रावत ने कहा- एलओसी पर हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं, हम इसके लिए तैयार





 






  • गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी होने के बाद घुसपैठ की कोशिशों में तेजी आई

  • 'इस साल अगस्त से अक्टूबर के बीच नियंत्रण रेखा से घुसपैठ की 59 बार कोशिश की गई'


 

नई दिल्ली. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को दिल्ली में हुए कार्यक्रम में कहा कि नियंत्रण रेखा पर स्थिति कभी भी बिगड़ सकती है। हम किसी भी प्रकार की जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार हैं। जनरल रावत ने यह बात कश्मीर में बढ़ती घुसपैठ की घटनाओं को लेकर कही।


जनरल रावत सेना की मोबाइल एप से जुड़े कार्यक्रम में मौजूद थे। इस एप में सेना की सामाजिक गतिविधियों से संबंधित जानकारी शामिल है।


अगस्त में सबसे ज्यादा 32 बार घुसपैठ की कोशिश हुई


हाल ही में गृह मंत्रालय के सूत्रों के आधार पर एक रिपोर्ट जारी की गई थी। इसके मुताबिक, अगस्त से अक्टूबर के बीच कश्मीर और लद्दाख से सटी सीमा रेखा पर घुसपैठ के 59 प्रयास हुए। अगस्त में सबसे ज्यादा 32 बार घुसपैठ की कोशिश हुई। सितंबर में घुसपैठिए 20 बार और अक्टूबर में 7 बार नियंत्रण रेखा पार करने में सफल भी रहे।


2005-2019 के बीच 1011 घुसपैठिए मारे गए


इससे पहले केंद्र सरकार ने लोकसभा में कश्मीर में घुसपैठ की घटनाएं बढ़ने की जानकारी दी थी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किशन रेड्‌डी ने एक लिखित जवाब में कहा था कि 2005 से 31 अक्टूबर 2019 के बीच भारतीय सेना ने घुसपैठ करने वाले 1011 आतंकियों को मार गिराया है। 42 घुसपैठियों को हिरासत में लिया गया जबकि 2253 घुसपैठियों को सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी के कारण वापस अपने क्षेत्र में लौटना पड़ा।


इस साल अक्टूबर तक पाकिस्तान ने 2317 बार तोड़ा सीजफायर


अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी होने के बाद घुसपैठ की कोशिशों के साथ सीजफायर उल्लंघन के मामले भी बढे हैं। पाकिस्तान ने इस साल 10 अक्टूबर तक 2317 बार सीजफायर तोड़ा। वहीं, एलओसी और कश्मीर में सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 147 आतंकवादी मारे गए। भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने 2018 में 1629 बार सीजफायर तोड़ा था और सेना की कार्रवाई में 254 आतंकवादियों को मार गिराया गया था।