- पहले जनवरी 2020 से इंटरकनेक्ट यूजेज चार्ज खत्म करने की योजना थी, अब 2021 में होंगे
- जियो के ग्राहकों की अन्य नेटवर्क पर कॉलिंग दोबारा फ्री होने की उम्मीद को झटका
- जियो अक्टूबर में 6 पैसे प्रति मिनट का शुल्क लगा चुकी, यह भी कहा था कि ट्राई ने चार्ज हटाए तो हम भी ग्राहकों से नहीं वसूलेंगे
नई दिल्ली. टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए इंटरकनेक्ट यूजेज चार्ज (आईयूसी) खत्म करने का प्रस्ताव एक साल के लिए टाल दिया। यानी यूजर अपने ऑपरेटर के अलावा किसी अन्य कंपनी के नंबर पर कॉल करेंगे तो उन पर 6 पैसे प्रति मिनट का शुल्क लगता रहेगा। इस फैसले से जियो के ग्राहकों के लिए अन्य नेटवर्क पर कॉलिंग फिर से फ्री होने की उम्मीदों को झटका लगा है। जियो अक्टूबर से फ्री कॉलिंग खत्म कर दूसरे नेटवर्क पर आउटगोइंग के लिए 6 पैसे प्रति मिनट आईयूसी चार्ज लागू कर चुकी है। उसने कहा था कि जब आईयूजी चार्ज खत्म हो जाएंगे तो वह फिर से सभी नेटवर्क पर कॉलिंग फ्री कर देगी।
ट्राई के फैसले से वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल को फायदे की उम्मीद
पहले यह तय हुआ था कि 1 जनवरी 2020 से आईयूसी खत्म कर दिए जाएंगे। लेकिन, सितंबर में ट्राई ने संबंधित पक्षों की राय जानने के लिए डिस्कशन पेपर जारी कर दिया। उसका कहना था कि अलग-अलग ऑपरेटरों के वॉइस कॉलिंग टैरिफों में अभी भी असंतुलन है। वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल आईयूसी चार्ज खत्म करने का फैसला आगे बढ़ाने के पक्ष में थे, लेकिन रिलायंस जियो ने आपत्ति जताई थी। जियो की फ्री कॉलिंग (अक्टूबर तक) होने की वजह से यूजर सभी नेटवर्क पर उसका इस्तेमाल कर रहे थे। इससे अन्य कंपनियों को जियो से आईयूसी चार्ज के तौर पर मोटी रकम मिल रही थी। उनके नेटवर्क से जियो पर कॉलिंग कम होने की वजह से उन्हें जियो को ज्यादा भुगतान नहीं करना पड़ता।
आईयूसी चार्ज क्या है?
टेलीकॉम कंपनियों को एक-दूसरे को आईयूसी चार्ज का भुगतान करना पड़ता है। यह चार्ज ग्राहकों द्वारा एक-दूसरे नेटवर्क पर कॉल करने की वजह से लगता है। जैसे- जियो के ग्राहक एयरटेल पर कॉल करेंगे तो जियो को एयरटेल को आईयूसी चार्ज देने होंगे। इसकी दर ट्राई तय करती है।
जियो ने 3 साल में 13,500 करोड़ रुपए का आईयूसी शुल्क चुकाया
जियो ने अक्टूबर में आईयूसी चार्ज लागू करते वक्त कहा था कि पिछले तीन सालों में वह आईयूसी चार्ज के तौर पर 13,500 करोड़ रुपए का भुगतान दूसरे ऑपरेटरों को कर चुकी है। अब तक इसका बोझ ग्राहकों पर नहीं डाल रहे थे। लेकिन, अब मजबूरन फैसला लेना पड़ा। जियो ने कहा था कि हमारे नेटवर्क पर रोज 25-30 करोड़ मिस कॉल आते हैं और हमारे ग्राहक कॉल बैक करते हैं। यानी हम अपने ग्राहकों के साथ ही दूसरे ऑपरेटरों के ग्राहकों को भी सुविधा दे रहे थे।